राहुल ने लगाये आरोप, बीजेपी ने कैसे किया पलटवार- कटघरे में UPA

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

लोकसभा में आज लगातार दूसरे दिन SIR और चुनाव सुधार पर चर्चा हुई। माहौल बिल्कुल उसी तरह गर्म था जैसे एल्यूमीनियम फॉयल में रखी परांठी—बाहर से ठंडी, अंदर से धधकती। राहुल गांधी ने एक बड़ा सवाल उछाला—“चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाली कमेटी से CJI को क्यों हटाया गया?”

इसके बाद BJP ने मौका पकड़ा और सीधा पलटवार किया— “राहुल, UPA में कब CJI वाली कमेटी से चुनाव आयुक्त चुने गए थे?”

राहुल गांधी के आरोप: “संस्थाओं पर कब्ज़ा”

राहुल गांधी ने संसद में कई गंभीर आरोप लगाए—

1. CJI को चयन समिति से हटाना गलत

उन्होंने कहा कि संस्थाओं पर नियंत्रण के लिए यह कदम उठाया गया।

2. RSS के प्रोजेक्ट पर बड़ा हमला

शिक्षण संस्थाओं में नियुक्तियां “मेरिट” नहीं, “संगठन नज़दीकी” के आधार पर हो रही हैं।

3. CBI–ED–IT पर कब्ज़ा

राहुल गांधी बोले—इंटेलिजेंस एजेंसियों के ज़रिए पूरे सिस्टम को कंट्रोल किया जा रहा है।

4. चुनाव आयोग पर दबाव

उन्होंने कहा कि तीसरा और सबसे खतरनाक कब्जा चुनाव आयोग पर है।

राहुल गांधी की तीन बड़ी मांगें

  1. चुनाव से एक महीना पहले Machine-readable voter list दी जाए
  2. CCTV फुटेज destroy करने के नियम में बदलाव हो
  3. EVM को पोस्ट-पोल cross-check के लिए पार्टीज को दिखाया जाए

BJP का करारा पलटवार—‘राहुल गांधी का एक्सपोज़’

BJP ने राहुल गांधी पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा—

1. कांग्रेस के समय में CJI समिति का कोई उदाहरण नहीं

“राहुल बताएँ—UPA के दौरान किसी एक चुनाव आयुक्त का नाम, जिसे CJI और LOP वाली कमेटी ने चुना हो?”

2. नियुक्तियाँ PM द्वारा होती थीं

BJP ने कहा कि UPA में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सीधे प्रधानमंत्री करते थे।

3. 2005 में नवीन चावला की नियुक्ति का सवाल

BJP ने पूछा—“सोनिया गांधी ने नवीन चावला को नियुक्त किया था। उनके पास यह अधिकार कहाँ से आया?”

BJP ने पुरानी घटनाओं की लिस्ट खोल दी

  • UPSC के चेयरमैन पद पर कांग्रेस कार्यकर्ता बटुक सिंह को 10 साल तक बैठाना
  • अश्विनी कुमार (पूर्व SPG अधिकारी) को CBI डायरेक्टर बनाना
  • रंजीत सिन्हा को CBI chief बनाना, जिनकी डायरी में बड़े खुलासे थे
  • सुकुमार सेन, वीएस रमादेवी जैसे चुनाव आयुक्तों को रिटायरमेंट के बाद राज्यपाल बनाना
  • M.S. Gill द्वारा “office of profit” विवाद में सोनिया गांधी को बचाना
  • नवीन चावला को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाना
  • T.N. Seshan का राजनीतिक इस्तेमाल

BJP का तर्क—जो आज आरोप लगा रहे हैं, वो खुद अपने इतिहास को देख लें।

राजनीति का यह अध्याय अभी लंबा चलेगा…

लोकसभा में बहस इतनी तेज थी कि स्पीकर को लगा—ये संसद है या “Koffee With Counter-Questions”?

राहुल गांधी और BJP दोनों अपने-अपने आर्काइव खोलकर बैठ गए हैं। चर्चा चुनाव सुधार पर है… लेकिन असली मुकाबला ‘History vs Present’ का दिख रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी — “Insensitive Remarks? Not Allowed!”

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